Saawan Somwar Days in 2020 for Bihar,Himachal Pradesh, Madhya Pradesh, Punjab, Rajasthan and Uttar Pradesh
First Day of Saawan – 6 July, 2020(Monday)
First Saawan Somwar Vrat – 6 July, 2020(Monday)
Second Saawan Somwar Vrat – 13 July, 2020(Monday)
Third Saawan Somwar Vrat – 20 July, 2020(Monday)
Fourth Saawan Somvar Vrat – 27 July, 2020(Monday)
Fifth Saawan Somvar Vrat(sawan ends*) – 3 Aug, 2020(Monday)
Saawan Somwar Days in 2020 for Andhra Pradesh, Goa, Gujarat, Karnataka,Maharashtra and Tamil Nadu
First Day of Saawan – 21 Jul, 2020(Tuesday)
First Saawan Somwar Vrat – 27 Jul, 2020(Monday)
Second Saawan Somwar Vrat – 3 Aug, 2020(Monday)
Third Saawan Somwar Vrat – 10 Aug, 2020(Monday)
Fourth Saawan Somvar Vrat – 17 Aug, 2020(Monday)
Last Day Of Saawan – 19 Aug, 2020(Wednesday)
Saawan Somwar Vrat Vidhi (सावन सोमवार व्रत विधि)
कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएँ सुहाग की सलामती के लिए सावन के सोमवार का व्रत करती है। | इस दिन भगवन शिवजी के साथ साथ पारवती जी को भी पुष्प, धुप, दीप और जल से पूजा अर्चना करनी चाहिए|
पूजा का सामान – चावल, फूल,फूल माला, जल, कच्चा दूध, दही, शहद, चीनी, धतूरा, भांग, कमल गट्टा, पान, लौंग , इलायची , सुपारी, मौली, बील पत्र, धुप, डीप,चन्दन, अगरबत्ती, कपुर, फल, मेवा, मिठाई, माचिस|
- पूजा के लिए सबसे पहले पूजा का सामान एक थाली मैं रख ले |
- पूजा की जगह को गंगा जल से साफ़ करके शिवलिंग को स्थापित करे |
- भगवान शिव का ध्यान करते हुए या ‘ॐ नमः शिवाय‘ का उच्चारण करते हुए शिवलिंग को जल से स्नान कराये| फिर थोड़े गंगा जल से भी स्नान कराये|
- इसके बाद कच्चे दूध, दही, चीनी और शहद से स्नान कराये |
- इसके बाद चन्दन, चावल लगाए|
- फिर मौली, फूल और फूल माला चढ़ाये |
- अब बील पत्र चढ़ाये|बील पत्र 5, 11, 21, 51 आदि शुभ संख्या में ही लें।
- शिवलिंग पर इस मंत्र को बोलते हुए बील पत्र चढ़ाएं-
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं त्रयायुधम्।
त्रिजन्म पापसंहारंमेकबिल्वं शिवार्पणम।
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपीण |
अग्रतः शिवरूपाय एक बिल्वं शिवार्पणम ||
(शिवार्पणम बोलते समय एक बील पत्र चढ़ाये |) - अब धतूरा, भांग, कमल गट्टा, पान, लौंग , इलायची , सुपारी चढ़ाये|
- अब धुप, द्वीप और अगरबत्ती आदि जलाये|
- इसके बाद फल और मिठाई का भोग लगाए|
- अब इसके बाद शिव चालीसा और शिव जी की आरती करे| (चालीसा और आरती के लिए नीचे पढ़े)
Shiv Ji Ki Aarti (शिवजी की आरती )
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
तन मन धन सब कुछ हैं तेरा स्वामी सब कुछ है तेरा |
तेरा तुझको अर्पण क्या लगे मेरा ||
ॐ जय शिव ओंकारा….